1 अप्रैल यानी अप्रैल फूल डे इसे आप मूर्ख दिवस के नाम से भी जानते हैं इस दिन यकीनन आप अपने दोस्तों को और करीबियों को अप्रैल फूल बनाने की तैयारी में रहते होंगे लेकिन क्या आप जानते हैं अप्रैल फूल दिवस यानी अप्रैल फूल डे क्यों मनाया जाता है और यह मूर्ख दिवस के नाम से क्यों जाना जाता है और इसकी शुरुआत कब से हुई थी इस पोस्ट को पूरा पढ़िए आइए जानते हैं अप्रैल फूल डे के बारे में कुछ रोचक जानकारियां
1 अप्रैल यानी अप्रैल फूल डे इसे आप मूर्ख दिवस के नाम से भी जानते हैं इस दिन यकीनन आप अपने दोस्तों को और करीबियों को अप्रैल फूल बनाने की तैयारी में रहते होंगे लेकिन क्या आप जानते हैं अप्रैल फूल दिवस यानी अप्रैल फूल डे क्यों मनाया जाता है और यह मूर्ख दिवस के नाम से क्यों जाना जाता है और इसकी शुरुआत कब से हुई थी इस पोस्ट को पूरा पढ़िए आइए जानते हैं अप्रैल फूल डे के बारे में कुछ रोचक जानकारियां
अप्रैल फूल डे के बारे में अनसुने रोचक तथ्य - Interesting facts about April Fool's Day
1 अप्रैल यानी मूर्ख दिवस की शुरूआत 13 वीं सदी से हुई थी इंग्लैंड के राजा रिचर्ड सेकेंड और बोहेमिया की रानी एनी की सगाई 32 मार्च 1381 को किए जाने की घोषणा हुई बैटरी की जनता ने इसे सही मान लिया और अप्रैल के दिन को 32 मार्च बताने लगे बाद में उन्हें बताया गया कि यह तो सिर्फ एक मजाक था और इसी दिन से अप्रैल फूल दिवस यानी मूर्ख दिवस की शुरुआत हुई यह माना गया कि इस दिन को लोगों को मूर्ख बनाया गया
अप्रैल फूल डे की और भी राेचक जानकारियां 👇
- अगर बात करें 1860 की तो इसमें भी अप्रैल फूल डे का एक बड़ा रोचक किस्सा है जो बहुत मशहूर है लंदन में हजारों लोगों के घर पर ही आमंत्रण पत्र पहुंचा जिसमें लिखा था कि टावर ऑफ लंदन में 1 अप्रैल की शाम गधों का स्नान किया जाएगा और आम जनता को यह सारे जहां मंत्र पढ़ते ही भेजे गए थे तब टावर ऑफ लंदन में जाने की अनुमति नहीं थी टावर को देखने के लिए बहुत सारे लोगों की भीड़ जुटा हो गई धक्का-मुक्की के बीच पता चला कि ऐसा कोई आयोजन नहीं था यह सिर्फ लोगों को मूर्ख बनाया गया था
- ऐसी ही एक घटना 1 अप्रैल 1915 की है जब जर्मनी के लिए हवाई अड्डे पर एक ब्रिटिश पायलट ने फुटबॉल फेंका था, लोगों ने उसे बम समझा और इधर-उधर भागने लगे काफी घबरा गए और काफी देर तक छुपे रहे बाद में जब ज्यादा टाइम गुजर गया और कोई धमाका नहीं हुआ तो लोगोंं ने वापस लौटकर देखा कि वहां पर एक बम नहीं था एक बड़ी फुटबॉल थी जिस पर अप्रैल फूल लिखा हुआ था
- लंदन (London) में कई लोगों को ‘वॉशिंग द लायंस’ यानी शेर की धुलाई देखने के लिए 1 अप्रैल 1698 को धोखे से टावर ऑफ लंदन (Tower of London) ले जाया गया था जवकि वहॉ ऐसा कोई भी आयोजन नहीं था और लोगों को बेबकूफ बनाया गया
- यूरोप देशों में पुराने समय में 1 अप्रैल के दिन हर मालिक नौकर की भूमिका अदा करता और नौकर मालिक का बनकर हुकुम चलाता था। नौकर बने मालिक को उसका हर आदेश का पूरा करना पड़ता था
- फ्रांस (France) के नारमेडी मे 1 अप्रैल को एक अनोखा जुलूस निकलता था, जिसमें एक घोड़ा गाड़ी में सबसे मोटे आदमी को बैठाकर सारे शहर में घुमाया जाता ताकि उसे देखते ही लोग खिल खिलाकर हंस पड़े और फिर नाचते गाने लगे
- डेनमार्क (Denmark) में 1 मई को ‘माज-काट’ के रूप में जाना जाता है जिसका मतलब ‘मे-कैट’ होता है और ऐतिहासिक रूप से अप्रैल फूल्स डे के समान होता है हालांकि, डेनमार्क वासी अप्रैल फूल्स डे भी मनाते हैं
1 अप्रैल की कुछ सच्ची घटनायें जिन्हें मजाक समझा गया 👀
- वर्ष 2005 में 1 अप्रैल को एक घटना हुई जिसे लोगों ने अप्रैल फूल का मजाक समझा था हुआ यह था कि 30 मार्च 2005 को न्यू जर्सी के होटल के कमरे में मशहूर अमेरिकन स्टैंडअप कॉमेडियन मिच हेडवर्ग मृत पाए गए थे और उनकी सूचना लोगों को दी गई लेकिन लोगों ने इसे मजाक समझा जबकि एक सच था
- ऐसी ही एक और घटना हुई अलास्का में जहां पर सुनामी आने की चेतावनी लोगों को दी गई लेकिन लोगों ने इसे मजाक समझा हुआ यह था कि 1 अप्रैल 1946 को अल्यूशन आयरलैंड में काफी तेज भूकंप आया था जब अधिकारियों ने लोगों को भूकंप और सुनामी की चेतावनी दी तो अलास्का के लोगों ने इसे मजाक समझ कर नजर अंदाज कर दिया लेकिन यह चेतावनी सही थी और सुनामी ने बहुत सारे लोगों की जान ले ली इस सुनामी को हवाई में अप्रैल फूल डे सुनामी के रूप में भी जाना जाता है
- दुनिया की सबसे बड़ी सर्च इंजन कंपनी ने अपनी ईमेल सर्विस Gmail को 1 अप्रैल 2004 को लांच किया था और लोगों ने इसे मजाक समझ लिया था जबकि यह हकीकत थी और आज भी लोग जीमेल को बहुत अच्छे से इस्तेमाल कर रहे हैं
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