चन्द्र ग्रहण (Moon Eclipse) में वर्ष में कई बार घटित होने वाली एक भौगोलिक घटना है आईये जानते हैं चन्द्र ग्रहण (Moon Eclipse) क्या होता है What is moon eclipse in Hindi
चन्द्र ग्रहण (Moon Eclipse) में वर्ष में कई बार घटित होने वाली एक भौगोलिक घटना है आईये जानते हैं चन्द्र ग्रहण (Moon Eclipse) क्या होता है What is moon eclipse in Hindi
चन्द्र ग्रहण क्या होता है - What is moon eclipse
चन्द्र ग्रहण होने का भौगोलिक कारण है कि जब सूर्य और चन्द्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है तो सूर्य की रोशनी चन्द्रमा पर नहीं पड़ती है, क्योंकि पृथ्वी सूर्य और चन्द्रमा के मध्य में आ जाती है जिससे चन्द्रमा पर पड़ने वाली सूर्य की रोशनी सीधे चन्द्रमा पर न पड़ कर पृथ्वी पर चली जाती हैं जिससे चन्द्रमा उस प्रकाश से वंचित रह जाता है और सीधी रोशनी पथ्वी पर आ जाती है इस भौगोलिक क्रिया के कारण चन्द्र ग्रहण होता है।
चन्द्र ग्रहण रात्रि के समय में ही होता है तथा चन्द्र ग्रहण पूर्णिमा के दिन ही होता है, लेकिन जितनी भी पूर्णिमा होती है उन सब में चन्द्र ग्रहण नहीं होता है, क्योंकि पृथ्वी और चन्द्रमा जहां पर एक परिपथ में एक साथ परिक्रमा पूरी कर रहे होते हैं वहां इन दोनों की स्थिति में 50 का अन्तर होता है इसके परिणाम स्वरूप कभी चन्द्रमा पृथ्वी के नीचे से गुजर जाता है और कभी चन्द्रमा पृथ्वी के उपर से गुजर जाता है यह एक वर्ष में अधिकतम तीन बार पृथ्वी के सामने से निकल सकता है और जब यह पृथ्वी के सामने से निकलता है तो सूर्य और चन्द्रमा के बीच में पृथ्वी आ जाती है और जो रोशनी और प्रकाश चन्द्रमा पर पड़ना चाहिए वह पृथ्वी पर पड़ जाता है।
चन्द्र ग्रहण की रात्रि के समय आसमान प्रचुर मात्रा में काला दिखाई देता है जिसके फलस्वरूप कुछ भी दिखाई नहीं देता है, क्योंकि चन्द्रमा पर बिल्कुल भी प्रकाश नहीं होता है। चन्द्रमा का खुद का कोई प्रकाश नहीं होता है चन्द्रमा जो भी प्रकाश पृथ्वी तक पहुंचाता है वह परार्वितित होकर ही आता है जिससे ऐसा प्रतीत होता है कि चन्द्रमा जो पृथ्वी तक प्रकाश पहुंचा रहा है वह उसका स्वयं का प्रकाश है, लेकिन भूगोल की द्दष्टि से यह उचित नहीं होता है। जब चन्द्रमा पर थोड़ा बहुत प्रकाश पड़ता है तो उस समय को आंशिक चन्द्र ग्रहण कहते हैं और जब बिल्कुल भी प्रकाश नहीं पड़ता है तो उसे पूर्ण चन्द्र ग्रहण कहते हैं।
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